Anganwadi Worker Salary Hike: देशभर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। लंबे समय से वेतन वृद्धि की मांग कर रही आंगनवाड़ी बहनों के लिए सरकार ने आखिरकार राहत की घोषणा कर दी है। राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। इस निर्णय से लाखों महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। आइए जानते हैं अब कितना मिलेगा वेतन और क्या रहेगा नया नियम।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी
सरकार की ओर से जारी नए आदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाकर 9000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। वहीं सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाकर 4500 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। पहले कार्यकर्ताओं को 7500 रुपये और सहायिकाओं को 3750 रुपये दिया जाता था। यानी अब दोनों को हर महीने 1500 रुपये की बढ़ोतरी मिलेगी। यह फैसला मुख्यमंत्री के निर्देश पर लिया गया है ताकि आंगनवाड़ी बहनों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
लंबे समय से उठ रही थी मांग
पिछले कई महीनों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की ओर से मानदेय बढ़ाने की मांग की जा रही थी। उनका कहना था कि लगातार बढ़ती महंगाई के बीच 7500 रुपये में गुजारा करना बेहद मुश्किल हो रहा है। इस वजह से कई जिलों में प्रदर्शन भी हुए थे। आखिरकार सरकार ने उनकी मांग को सुन लिया और सैलरी बढ़ाने का ऐलान कर दिया।
राज्य सरकार ने दिया भरोसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गांवों और कस्बों में बच्चों के पोषण, शिक्षा और मातृ स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाती हैं। सरकार उनके योगदान को समझती है और समय-समय पर सुविधाएं बढ़ाने का प्रयास करती रहेगी। साथ ही सरकार ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन राशि यानी बोनस भी बढ़ाया जाएगा।
बढ़ेगा मनोबल और सेवा गुणवत्ता
वेतन बढ़ने से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। पहले कई जगहों से शिकायत आती थी कि कम मानदेय के कारण काम में रुचि कम हो रही थी। अब बढ़ी हुई सैलरी से महिलाएं अपने काम को और ईमानदारी से करेंगी और बच्चों व माताओं को बेहतर सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही कई नई आंगनवाड़ी केंद्रों में भी भर्ती की तैयारी चल रही है, जिससे और महिलाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए पात्रता
अगर कोई महिला आंगनवाड़ी में काम करना चाहती है तो उसे कुछ पात्रताएं पूरी करनी होती हैं।
- महिला अभ्यर्थी का भारतीय नागरिक होना जरूरी है।
- किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा पास होनी चाहिए।
- उम्र सीमा 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- उसी ग्राम पंचायत या ब्लॉक की निवासी होना आवश्यक है जहां आवेदन किया जा रहा है।
भविष्य में और बढ़ेगा मानदेय
सरकार ने संकेत दिए हैं कि आगे चलकर प्रदर्शन और सेवा वर्षों के आधार पर मानदेय में और इजाफा किया जा सकता है। इसके अलावा डिजिटल फीडिंग और पोषण अभियान के तहत भी अलग से भत्ता मिलने की योजना है।